अपनी चोट पे तो जानवर भी कराह उठाते हैं, इंसा वो है वो दूसरों का दर्द समझे…ऐसे भाव वाले राजेंद्र सिंह जी इंदौर का गौरव हैं …
इंदौर के राजेंद्र सिंह जी , उम्र ५३ साल , साथ में पत्नी और बेटा , पर्यावरण संरक्षण का जुनून इन्हें और इनकी पत्नी को रेलवे की अच्छी खासी नौकरी छोड़कर इंदौर में खेती करने और साथ में पेड़ पौधों की सुरक्षा के लिए काम करने में ऐसा लेकर आया कि अब ये अपने इसी जूनून के लिए पूरे इंदौर में जाने जाते हैं |
इनका जुनून है इंदौर शहर में लगे पेड़ों को पेवर्स से मुक्त , सीमेंटीकरण के और ट्री गार्ड की कैद से आज़ाद कराना …जहाँ कही राजेंद्र सिंह जी किसी भी पेड़ को देखते हैं की वो विकास की भेंट पेवर्स या सीमेंट के माध्यम से चढ़ गया है या पेड़ के छोटे उम्र के समय लागाये गए ट्री गार्ड अब उसके तन में काँटों की तरह घुस गए हैं तो राजेंद्र सिंह जी का ह्रदय द्रवित हो उठता है और ये जुनूनी आदमी उनकी चोट / घाव और सांस या पानी न ले पाने की व्यथा को सुलझाने में लग जाता है |
राजेंद्र सिंह जी ने २०१३ के ग्रीन ट्रिब्यूनल का वो आदेश पढ़ा जिसमे शहर के नगर निगम , पी डब्लू डी , विकास प्राधिकरणों आदि को चेतावनी देते हुए निर्देशित किया था की प्रतेक पेड़ के लिए फूटपाथ या बिल्डिंग में पेवर्स या रोड या सीमेंटीकरण के समय १ मीटर तक खुला क्षेत्र उसके आसपास छोड़ना होगा | ताकि उसकी छाल न कटे ,उसे समय पर पानी और खाद निर्बाध मिलती रहे |
राजेंद्र सिंह जी ने शासन के माध्यम से रोजाना रोड और बिल्डिंग्स के आसपास घूम घूम कर पेड़ों को चिह्नित किया, उनका पता, ज़ोन वार्ड पता कर , उनका फोटो खींचा और हेल्प लाइन पर कम्प्लेंट्स की बौछारें कर दी और नतीज़ा यह हुआ की इस एक इन्दोरी की वजह से मात्र २ वर्षों में ४५०० पेड़ पेवर्स से मुक्त हुए और १५५ से ज्यादा ट्री गार्ड्स जो पेड़ों में २ इंच तक धंस गए थे उन्हें निकाला गया | उनका कहना है की कई जगह १ मीटर नहीं छोड़ा गया पर १५ इंच से लेकर १ मीटर तक उन्होंने इंदौर के पेड़ों को आज़ाद करवा ही लिया है |
अब तो नगर निगम और पीडब्लूडी की टीम भी उन्हें सहयोग करने लगी है और पेड़ों की कम्प्लेंट आते ही समझ जाती की राजेंद्र सिंह जी आने वाले हैं |
पर्यावरण के इस जुनूनी प्रहरी और स्मार्ट नागरिक से सीखा जा सकता है की कैसे स्मार्टनेस उपयोग में ला कर सजग नागरिक और पर्यावरण सुरक्षा की जा सकती है | इस काम में उनकी मदद उनकी पत्नी चंचल कौर और बेटा गुरबक्श भी करते हैं |
आप भी यदि इंदौर में किसी पेड़ को पेवर्स , सीमेंट या ट्रीगार्ड में फसा हुआ देखें तो तुरंत उस पर कार्यवाही करें |
ये हैं स्मार्ट सिटिज़न और असली इंदौरवाले ….धन्यवाद राजेंद्र सिंह जी, आप उनसे संपर्क करना चाहें तो आप हमें ईमेल करें आपको नमबर उपलब्ध कराया जायेगा !
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